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माशूम दिल

               बहूत दिनों बाद,आज शुकून की नींद आई।बिस्तर पे लेटते ही आँख लग गई।पता भी नही चला कि कब शुबह हो गई।आज का दिन कितना ताजगी और उत्साह से भरा लग रहा है। मन खुशी से झूम रहा है,खिड़की से अंदर आती धूप ,अच्छी लग रही है।चिड़ियों का चहकना भी मुझे रास आ रहा है।और मम्मी ने भी तो अब तक उठने के लिए कोई आलार्न नही बजाया।जैसे आज सारी दुनियां मेरे मन मुताबिक चल रही हो। आखिरकार पापा हमारे रिस्ते को मान ही गये। कितने दिनों का टॉर्चर सहने के बाद ,पापा का हमारे रिस्ते को स्वीकारना,मेरे लिए किसी गोल्ड मेडल से कम नही है।राम ने भी तो कितनी मेहनत की थी मेरे पापा को इम्प्रेस करने के लिए। आज राम का परिवार हमारे घर,शादी की बात पक्की करने आ रहे है।और सब ठीक रहा तो सगाई भी आज ही हो जायेगी।सच मे आज मैं बहूत खुश हूँ।मेरे पैर जमीन पे नही पड़ रहे हैं। राम से मुलाकात का सिलसिला आफिस के गेट से शुरू हो गया था। वो अकॉउंटेड था,और मै सेल्स मैनेजर के पोस्ट पे जॉइन हुई थी,वो तीन साल पहले कंपनी को जॉइन किया था।और उसे प्रोडक्ट का काफी जानकारी भी थी।थोड़ा अजीब लगता है ना,अपने से कम उम्र वाले इंसान से दोस्ती करना और फि